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My daughter’s name is aarvi my name is ketan Kach

Author:unloginuser Time:2024/09/03 Read: 6978

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आज का दिन बड़ा ऑफसेट: एक रहस्य

साल 2012 था, जब मैंने, केतन कच्छरौला, “आरवी ऑफसेट” नाम से अपना प्रिंटिंग प्रेस शुरू किया था। मेरी बेटी आरवी के नाम पर रखा गया था, और वो मेरा सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम थी। शुरुआत में, हम दोनों ही दिन-रात मेहनत करते थे, और धीरे-धीरे, “आरवी ऑफसेट” शहर में जाने-माना प्रिंटिंग प्रेस बन गया।

आज, 2023, “आज का दिन बड़ा ऑफसेट” है। आरवी अब बड़ी हो गई थी, और उसने भी बिजनेस में हाथ बटाना शुरू कर दिया था। आज एक बड़ी ऑर्डर आई थी – शहर के सबसे बड़े बिजनेसमैन, श्री अग्रवाल, की कंपनी का ब्रोशर। यह हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि थी।

लेकिन इस खुशी में एक रहस्य छिपा हुआ था। ब्रोशर के कुछ पन्ने गायब थे! आरवी ने देखा कि कुछ पन्ने अजीब तरीके से गायब थे। हमने देखा कि पन्नों के नंबर 5, 10, 15, और 20 गायब थे।

आरवी ने कहा, “पापा, ये कोई सामान्य बात नहीं है! ये तो जैसे पहेली है!”

हमने ब्रोशर को ध्यान से देखा। हमने देखा कि पन्नों पर कुछ नंबर लिखे हुए थे – 5, 10, 15, 20.

मैंने सोचा, “ये नंबर तो किसी सीक्वेंस में हैं! ये तो कोड है!”

आरवी ने कहा, “पापा, क्या ये श्री अग्रवाल का कोई छिपा हुआ संदेश है?”

मैंने कहा, “हो सकता है! लेकिन हमें इस कोड को सुलझाना होगा!”

हमने बहुत देर तक पन्नों पर नज़र डाली। हमने हर पन्ने को ध्यान से पढ़ा, हर डिजाइन को देखा।

तभी आरवी ने कहा, “पापा! मुझे लगता है कि ये कोड हर पन्ने पर छिपा हुआ है! नंबर 5, 10, 15, 20… ये ब्रोशर में इस्तेमाल किए गए फॉन्ट के साइज हैं!”

हमने तुरंत ही हर पन्ने का फॉन्ट साइज़ चेक किया। और वहां, पन्ने 5, 10, 15, और 20 में, फॉन्ट साइज़ थोड़ा अलग था!

मैंने कहा, “आरवी! तुमने तो रहस्य सुलझा दिया! ये तो श्री अग्रवाल का संदेश है!”

हमने ब्रोशर के उन चार पन्नों को खोला जिनका फॉन्ट साइज़ अलग था। और वहां, छिपे हुए एक छोटे से संदेश में लिखा था, “मुझे इस ब्रोशर की ज़रूरत तुरंत है। कृपया आज रात 10 बजे मेरे ऑफिस पर आ जाएं।”

हमने तुरंत श्री अग्रवाल को फोन किया। उन्होंने हमें बताया कि उनको ब्रोशर जल्दी चाहिए, क्योंकि उनकी कंपनी की एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस थी।

“आरवी ऑफसेट” ने अपनी पूरी ताकत लगा दी। हमने पूरी रात मेहनत की और ब्रोशर को पूरा किया। श्री अग्रवाल बहुत खुश हुए, और उन्होंने हमारी तारीफ़ की।

आरवी और मैं, हम दोनों ही खुश थे। “आज का दिन बड़ा ऑफसेट” था, और हमने एक नया रहस्य सुलझाया था!